त्योहारों रीति रिवाजों वाली डायरी# लेखनी धारावाहिक प्रतियोगिता -07-Nov-2022
सामा के भाई साम्ब
सामा चकेवा की इस कहानी को इस त्योहार से जुड़ी जानकारी को लेखनी के पाठक इतने ध्यान से पढ़ रहें हैं उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया अब आगे जानती है सामा चकेवा की कहानी के बारे में।
श्यामा का भाई साम्ब थे , जिन्हें मिथिला में सतभईया के नाम से जाना जाता है। दोनों भाई बहन में असीम प्रेम था। साम्ब गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करने गए थे जब उनकी प्यारी बहना श्यामा को उनके पिता ने श्राप देकर पंछी बना दिया था।
ऋषि चारुदत्त ने भगवान शिवजी को अपनी साधना से प्रसन्न कर खुद को चिड़िया में बदल लिया और वह भी वृंदावन के जंगल में श्यामा के साथ रहने लगा जहां उन्हें चकेवा चकेवी के नाम से जाना जाने लगा ।
जब साम्ब वापस आया और उसे अपनी बहन के बारे में पता चला तो उसने श्री कृष्ण भगवान को मनाया और अपनी बहन को वापस लाने के लिए प्रार्थना की ।
उनके अथक प्रयास के बाद श्री कृष्ण ने साम्ब की बात का मान रखते हुए यह कहा कि हर कार्तिक मास के छठे दिन तुम्हारी बहन आएगी और कार्तिक पूर्णिमा के दिन चली जाएगी।
इधर जब चुरक चारुदत्त और श्यामा को चिड़िया बनकर भी खुश रहते देखता तो अंदर ही अंदर जल भुन जाता। वो श्यामा को अपना बनाना चाहता था पर अपने मंसूबे में जब सफल ना हो सका तो श्री कृष्ण जी से उनकी ही बेटी की झूठी शिकायतें करने लगा। उसने कई बार जंगल में आग लगाने की कोशिश की जिससे पंछी बना चारूदत्त और श्यामा दोनों जल जाएं ,परंतु इंद्र देव की कृपा से हर बार जब भी चुरक आग लगाता बारिश होने लगती और पानी पड़ने के कारण आग बुझ जाती और चकवा चकवी यानी श्यामा और चारुदत्त दोनों बच जाते।
भाई के अथाह प्रेम के कारण ही श्यामा को पावन कार्तिक मास में कुछ दिनों के लिए श्राप से मुक्ति मिलती है और पूर्णिमा वाली रात ऐसा लगता है कि वो पुनः पंछी बनकर वृंदावन के जंगल में अपने पति के साथ चली जाती है। प्रकृति प्रेमी को फिर कोई चुरक यानी चुगला परेशान ना करे इसलिए हर साल उसे जलाती हैं बहनें।
सामा चकेबा मिट्टी के बनाए जाते हैं इसलिए उन्हें पूर्णिमा वाले दिन जुते हुए खेत में मिट्टी में डाल आते हैं।
***
कविता झा'काव्या'
रांची, झारखंड
#लेखनी
#लेखनी त्योहार रीति-रिवाजों वाली प्रतियोगिता
Radhika
09-Mar-2023 01:04 PM
Nice
Reply
shweta soni
04-Mar-2023 09:26 PM
बहुत खूब 👌
Reply
Peehu saini
22-Nov-2022 04:37 PM
Adwitiya 🌹👏
Reply